Bharti Bhawan Class 10 Biology Chapter 6 Questions Answer | लघु उत्तरीय प्रश्र | जनन | Reproduction
भारती भवन जीवविज्ञान कक्षा 10 अध्याय - 6 जनन
1. अलैंगिक जनन की मुख्य विशेषताएँ क्या है?
उत्तर : अलैंगिक जनन (asexual reproduction) की विशेषताएँ :—
(i) इसमें जीवों का सिर्फ एक व्यष्टि भाग लेता है।
(ii) इसमें युग्मक , अर्थात शुक्राणु और अंडाणु कोई भाग नहीं लेते है ।
(iii) इस प्रकार के जनन में या तो समसूत्री कोशिका-विभाजन या असमसूत्री कोशिका-विभाजन होता है।
(iv) अलैंगिक जनन के बाद जो संतानें पैदा होती हैं वे आनुवंशिक गुणों में ठीक जनकों के समान होती हैं।
(v) इस प्रकार के जनन से ज्यादा संख्या में एवं जल्दी से जीव अपनी संतानों की उत्पत्ति कर सकते हैं।
(vi) निम्न कोटि के पौधे एवं जंतुओं में जिनके शरीर जटिल नहीं होते हैं, यह जनन मुख्य रूप से संतानों की उत्पत्ति करता है।
(vii) इसमें निषेचन की जरूरत नहीं पड़ती है, क्योंकि युग्मकों का संगलन नहीं होता है।
2. द्विखंडन एवं बहुखंडन में क्या विभेद है?
उत्तर : द्विखंडन एवं बहुखंडन में अंतर :
3. कायिक प्रवर्धन को परिभाषित करें।
उत्तर : कायिक प्रवर्धन : —
➥ जनन की वह प्रक्रिया जिसमें पादप-शरीर का कोई कायिक या वर्धी भाग ; जैसे जड़, तना, पत्ती आदि उससे बिलग और परिवर्द्धित होकर नए पौधे का निर्माण करता है, उसे कायिक प्रवर्धन कहते हैं। कायिक प्रवर्धन औरकिड, अंगूर, गुलाब एवं सजावटी पौधों में सामान्यतः होता है।
4. पुनर्जनन में क्या होता है?
उत्तर : पुनर्जनन वह प्रक्रिया है जिसमें जीवों का शरीर किसी कारण से दो या अधिक टुकड़ों में खंडित हो जाता है तथा प्रत्येक खंड अपने खोए हुए भागों का विकास कर पूर्ण विकसित नए जीव में परिवर्तित हो जाता है और सामान्य जीवनयापन करता है। स्पाइरोगाइरा , हाइड्रा तथा प्लेनेरिया नामक एक स्वतंत्रजीवी फीताकृमि आदि में इस प्रकार का जनन पाया जाता है।
5. बीजाणुजनन से जीवों को क्या लाभ है?
उत्तर : इसके प्रमुख लाभ निम्नलिखित हैं:
(i). प्रतिकूल परिस्थितियों में जीवित रहने की क्षमता –
➥ बीजाणु मोटी सुरक्षा परत (स्पोर कोट) से घिरे होते हैं, जो उन्हें अत्यधिक गर्मी, ठंड, सूखा और अन्य प्रतिकूल परिस्थितियों से बचाती है।
(ii) तेजी से संख्या वृद्धि –
➥ एक ही जीव कई बीजाणु उत्पन्न कर सकता है, जिससे उनकी संख्या तेजी से बढ़ती है
(iii) ऊर्जा की बचत –
➥ बीजाणुजनन की प्रक्रिया में कम ऊर्जा की आवश्यकता होती है, क्योंकि इसमें यौन प्रजनन जैसी जटिल प्रक्रियाएं शामिल नहीं होतीं है
(iii) दीर्घकालिक अस्तित्व –
➥ कुछ बीजाणु प्रतिकूल परिस्थितियों में वर्षों तक निष्क्रिय रह सकते हैं और अनुकूल परिस्थितियां मिलने पर सक्रिय होकर नए जीव बना सकते हैं।
6. क्या जटिल संरचनावाले जीव पुनर्जनन द्वारा नई संतति उत्पन्न कर सकते हैं?
उत्तर : नहीं, जटिल संरचनावाले (उच्च स्तरीय) जीव पुनर्जनन द्वारा पूरी नई संतति उत्पन्न नहीं कर सकते है ।
7. लैंगिक जनन की क्या महत्ता है?
उत्तर : लैंगिक जनन का महत्व लैंगिक
(i) जनन आनुवंशिक विविधता प्रदान कर संतानों के गुणों में विविधता को बढ़ावा देता है।
(ii) लैंगिक जनन अलग-अलग गुणों वाली नई प्रजातियों की उत्पत्ति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
(iii ) यह आनुवंशिक विविधता बेहतर और उससे भी बेहतर जीवों वाले प्रजातियों के विकास का लगातार नेतृत्व करती है।
8. एक प्ररूपी पुष्प के सहायक अंग एवं आवश्यक अंग में क्या भिन्नता है?
उत्तर : प्ररूपी पुष्प के सहायक अंग एवं आवश्यक अंग में भिन्नता:
9. स्व-परागण एवं पर-परागण में क्या अंतर है?
उत्तर : स्व-परागण एवं पर-परागण में निम्नलिखित अंतर है
10. अलैंगिक जनन की तुलना में लैंगिक जनन से क्या लाभ होता है?
उत्तर : अलैंगिक जनन की तुलना में लैंगिक जनन से लाभ :—
(i). अनुवांशिक विविधता :
(ii) विकास में सहायता : —
( iii) रोग प्रतिरोधक क्षमता : —
(iv ) नई विशेषताओं का उद्भव :—
11. बीजपत्र का क्या काम है?
(i) बीज की सुरक्षा :
(ii) भोजन संग्रहण :
(iii) अंकुरण में सहायता :
12. पुरःस्थ ग्रंथि के कार्यों का उल्लेख करें।
उत्तर : पुरःस्थ ग्रंथि के कार्य:
(i) पुरःस्थ द्रव का स्रावण :
(ii) . शुक्राणुओं की सक्रियता बढ़ाना :
(iii). वीर्य निर्माण में सहायता :
13. फैलोपिअन नलिका की संरचना का वर्णन करें।
उत्तर : फैलोपिअन नलिका की संरचना:
14. निषेचित न हो सकनेवाले एक परिपक्व अंडाणु का क्या होता है?
15. जनसंख्या-नियंत्रण में रासायनिक विधियों का उपयोग किन प्रकार सहायक है?
उत्तर : जनसंख्या-नियंत्रण में रासायनिक विधियों :
(i) गर्भनिरोधक गोलियाँ :
(ii). स्पर्मीसाइड्स :
(iii). इंजेक्शन और इम्प्लांट :
(iii) . हार्मोनल कॉपर-टी:
16. लैंगिक संचारित रोगों को तालिका के माध्यम से दर्शाएँ।
उत्तर : लैंगिक संचारित रोगों की तालिका
Important links
• Bharati bhawan Class 10 Biology All Chapter Solution In Hindi
0 Comments