Bharati Bhawan Class 10 Chemistry Chapter 1 Questions Answer | दीर्घ उत्तरीय प्रश्र

Bharati Bhawan Class 10 Chemistry Chapter 1 Questions Answer

 Bharati Bhawan Class 10 Chemistry Chapter 1 Questions Answer | दीर्घ उत्तरीय प्रश्र | रासायनिक अभिक्रियाएँ और समीकरण | 


भारती भवन रसायनशास्त्र कक्षा 10 अध्याय - 1


1. रासायनिक समीकरण क्या है? निम्नांकित समीकरण से कौन-सी सूचनाएँ प्राप्त होती है?
$2SO_2 + O_2\rightarrow  2SO_3$

उत्तर : रासायनिक समीकरण : 

➤ किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेनेवाले पदार्थों के संकेतों एवं सूत्रों की सहायता से उस अभिक्रिया का संक्षिप्त निरूपण रासायनिक समीकरण कहलाता है

जैसे : $2SO_2 + O_2 \rightarrow 2SO_3$

इस समीकरण से प्राप्त मुख्य सूचनाएँ:

(i) रासायनिक अभिक्रिया का प्रकार :

➤ यह एक संयोजन अभिक्रिया है जिसमें दो गैसें (सल्फर डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन) आपस में मिलकर एक नई गैस (सल्फर ट्राइऑक्साइड) बनाती हैं।

(ii) अभिकारक और उत्पाद की जानकारी : 

➤  समीकरण में सल्फर डाइऑक्साइड (SO₂) और ऑक्सीजन (O₂) अभिकारक हैं, जो मिलकर सल्फर ट्राइऑक्साइड (SO₃) नामक उत्पाद बनाते हैं।

(iii) मोल की जानकारी :

➤ इससे यह जानकारी मिलती है कि दो मोल SO₂ और एक मोल O₂ मिलकर दो मोल SO₃ बनाते हैं, यानी यह समीकरण हमें मोल के अनुपात की जानकारी देता है।

(iii)अणुओं की संख्या की जानकारी :

 ➤ इस समीकरण से यह भी पता चलता है कि दो अणु SO₂ और एक अणु O₂ मिलकर दो अणु SO₃ का निर्माण करते हैं।

(iv)द्रव्यमान संरक्षण का नियम

 ➤ यह रासायनिक समीकरण द्रव्यमान संरक्षण के नियम को सिद्ध करता है क्योंकि इसमें अभिकारकों और उत्पादों में उपस्थित परमाणुओं की संख्या समान है — सल्फर के 2 परमाणु और ऑक्सीजन के 6 परमाणु दोनों ओर बराबर हैं।


2. निम्नलिखित रासायनिक समीकरणों को संतुलित करें -
(i) $Ca(OH)_2 + HNO_3\rightarrow Ca(NO_3)_2 + H_2 O$
(ii)$Al + CuCl_2\rightarrow AlCl_3 + Cu$
उत्तर :$ (i) Ca(OH)_2 + 2HNO_3\rightarrow Ca(NO_3)_2 + 2H_2O$
(ii) $2Al + 3CuCl_2 → 2AICI_3+ 3Cu$



3. विस्थापन एवं उभय-विस्थापन अभिक्रियाओं में अंतर बताएँ।

उत्तर : विस्थापन एवं उभय-विस्थापन अभिक्रियाओं में अंतर :—


उभय विस्थापन अभिक्रिया विस्थापन अभिक्रिया 
उभय-विस्थापन अभिक्रिया में दो यौगिक अपने आयनों का विनिमय या आदान-प्रदान करके दो नए यौगिक का निर्माण करते हैं
NaCl + AgNO3 → AgCl ↓ + NaNO3
वह अभिक्रिया जिसमें किसी यौगिक में उपस्थित किसी परमाणु या परमाणुओं के समूह को किसी दूसरे परमाणु द्वारा विस्थापित कर दिया जाता है, एकल विस्थापन अभिक्रिया कहलाती है
Fe + CuSO4 → FeSO4 + Cu 


4. हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन के लाभ हानि के संदर्भ में ऑक्सीकरण एवं अवकरण अभिक्रियाओं को समझाएँ।

उत्तर : ऑक्सीकरण अभिक्रिया :

➤ ऑक्सीकरण वैसी रासायनिक अभिक्रिया है जिसमें किसी तत्त्व या यौगिक से ऑक्सीजन का संयोग या किसी यौगिक से हाइड्रोजन का निष्कासन होता है।

उदाहरण: 

(a) किसी तत्त्व से ऑक्सीजन का संयोग : 

 कार्बन को वायु या ऑक्सीजन में जलाने पर कार्बन डाइऑक्साइड गैस बनती है।

                       $C + O_2\rightarrow CO_2$

किसी यौगिक से हाइड्रोजन का निष्कासन : — 

सांद्र हाइड्रोक्लोरिक अम्ल को मैगनीज डाइऑक्साइड (MnO2) के साथ गर्म करने पर क्लोरीन गैस निकलती है।

                                                                  

$4HCl + MnO_2\xrightarrow{ताप} MnCl_2 + 2H_2 O + Cl_2 $


अवकरण अभिक्रियाओं : 

➤ अवकरण अभिक्रियाएँ ऑक्सीकरण के ठीक उलटी होती हैं। अवकरण वैसी रासायनिक अभिक्रिया है जिसमें किसी तत्त्व या यौगिक के साथ हाइड्रोजन का संयोग या किसी यौगिक से ऑक्सीजन का निष्कासन होता है।

उदाहरण : 

किसी तत्त्व से हाइड्रोजन का संयोग :  

(i) ऑक्सीजन के साथ हाइड्रोजन का संयोग होने के फलस्वरूप जल बनता है।

                2H2 + O2 → 2H₂O

किसी यौगिक से ऑक्सीजन का निष्कासन :- 

तप्त क्यूप्रिक ऑक्साइड (CuO) के ऊपर हाइड्रोजन (H₂) गैस प्रवाहित करने पर कॉपर (Cu) धातु मुक्त होती है।

             CuO + H₂ → Cu + H₂O


5. निम्नलिखित किस प्रकार की अभिक्रियाएँ हैं?


(i) शरीर में भोजन का पचना


(ii) $Fe + CuSO_4\rightarrow Cu + FeSO_4$


(iii) $Ca(OH)_2 + 2HCl\rightarrow  CaCl_2 + 2H_2 O$


(iv) $CuO + H_2\rightarrow Cu + H_2O$



उत्तर :(i) यह अपघटन अभिक्रिया है। शरीर में एंजाइम की सहायता से भोजन छोटे-छोटे अणुओं में टूटता है, जिससे ऊर्जा प्राप्त होती है। यह एक जैविक प्रक्रिया है

(ii) यह एक विस्थापन अभिक्रिया है। इसमें लोहे (Fe) ने ताँबे (Cu) को उसके लवण (CuSO₄) से विस्थापित कर दिया और स्वयं उसका स्थान ले लिया। अधिक क्रियाशील धातु, कम क्रियाशील धातु को विस्थापित कर देती है।

(iii). यह एक उदासीनकरण अभिक्रिया है। इसमें क्षार (Ca(OH)₂) और अम्ल (HCl) आपस में मिलकर लवण (CaCl₂) और जल (H₂O) बनाते हैं। यह अम्ल और क्षार की पारस्परिक अभिक्रिया है।

(iv) यह एक अपचयन अभिक्रिया है। इसमें CuO (कॉपर ऑक्साइड) का अपचयन होता है क्योंकि इससे ऑक्सीजन निकल जाती है और वह ताँबा (Cu) में बदल जाता है। साथ ही H₂ का ऑक्सीकरण होकर H₂O बनता है।


6. क्या होता है जब
(i) जिंक धातु कॉपर सल्फेट के विलयन में डाली जाती है?
(ii) सिल्वर धातु कॉपर सल्फेट के विलयन में डाली जाती है?

उत्तर : जिंक (जस्ता) के एक टुकड़े को कॉपर सल्फेट के विलयन में डालने पर कॉपर सल्फेट से कॉपर को जिंक विस्थापित कर देता है और जिंक की सतह पर हल्के लाल रंग के कॉपर की परत जमा हो जाती है और रंगहीन जिंक सल्फेट (ZnSO4) बनने के कारण कॉपर सल्फेट के विलयन का नीला रंग गायब हो जाता है।

$Zn + CuSO_4\rightarrow ZnSO_4 + Cu$

(ii) जब सिल्वर (Ag) धातु को कॉपर सल्फेट (CuSO₄) के नीले रंग के विलयन में डाला जाता है, कोई अभिक्रिया नहीं होती है क्योंकि सिल्वर, कॉपर से कम क्रियाशील धातु होती है। इसलिए सिल्वर, कॉपर को उसके लवण (CuSO₄) से विस्थापित नहीं कर सकती है । 

(iii) पोटैशियम आयोडाइड का विलयन लेड ऐसीटेट के विलयन में डाला जाता है?

उत्तर : लेड नाइट्रेट के विलयन में पोटैशियम आयोडाइड का विलयन मिलाने पर PbI2 का पी

ला अवक्षेप प्राप्त होता है।

$Pb(NO_3)_2 + 2KI\rightarrow  PbI_2 \downarrow + 2KNO_3$





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