Class 10 Physics Chapter 1 – Bharati Bhawan Solution |Short Q&A | लघु उत्तरीय प्रश्र | प्रकाश का परावर्तन | Reflection Of Light
भारती भवन भौतिकी कक्षा 10 अध्याय - 1
1. अपसारी, समांतर और अभिसारी किरणपुंज से आप क्या समझते हैं?
उत्तर : (a) अपसारी किरणपुंज :—
➤ इस प्रकार के किरणपुंज में प्रकाश की किरणें एक बिंदु-स्रोत से निकलकर फैलती चली जाती हैं
(b) समांतर किरणपुंज :—
➤ ऐसे किरणपुंज में प्रकाश की किरणें एक-दूसरे के समांतर होती हैं ।सूर्य से आते किरणपुंज को समांतर किरणपुंज माना जाता है।
(c) अभिसारी किरणपुंज :—
➤ इस प्रकार के किरणपुंज में प्रकाश की किरणें एक बिंदु पर आकर मिलती हैं या मिलती हुई प्रतीत होती हैं।
ऐसे किरणपुंज में किरणों के बीच की दूरी घटती जाती है
2. पारदर्शी, पारभासी तथा अपारदर्शी पदार्थों में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर : पारदर्शी पदार्थ :—
➤ वे पदार्थ जिनसे होकर प्रकाश आसानी से पार कर जाता है, पारदर्शी पदार्थ कहलाते हैं।
जैसे — काँच, पानी, हवा आदि ।
पारभासी पदार्थ :—
➤ वे पदार्थ जो उनपर पड़नेवाले प्रकाश के एक छोटे-से भाग को ही अपने में से होकर जाने देते हैं, पारभासी पदार्थ कहलाते हैं।
जैसे — घिसा हुआ काँच, तेल लगा कागज, बैलून का रबर, आँख की पलक, ट्रेसिंग पेपर (बटर पेपर), चर्म, रक्त, दूध, घना धुआँ, हलके बादल, कुहासा इत्यादि ।
अपारदर्शी पदार्थ :—
➤ वे पदार्थ जो प्रकाश को अपने में से होकर नहीं जाने देते है , अपारदर्शी पदार्थ कहलाते हैं।
लकड़ी, लोहा, पत्थर, अलकतरा, पेंट, मोटा गत्ता, धातु की प्लेट इत्यादि
3. प्रकाश के परावर्तन के नियमों को लिखें।
➤ प्रकाश के परावर्तन के दो नियम है
प्रकाश के परावर्तन के नियम :—
(i) आपतित किरण, परावर्तित किरण तथा आपतन बिंदु पर खींचा गया अभिलंव तीनों एक ही समतल में होते हैं।
(ii) आपतन कोण, परावर्तन कोण के बराबर होता है।
4. वास्तविक और आभासी (काल्पनिक) प्रतिबिंबों में क्या अंतर है?
उत्तर : वास्तविक प्रतिबीब :—
➤ किसी बिंदु स्रोत से आती प्रकाश की किरणें दर्पण से परावर्तन के बाद जिस बिंदु पर वास्तव में मिलती हैं, उसे उस बिंदु स्रोत का वास्तविक कहते हैं।
➤ वास्तविक प्रतिबिंब पर्दे पर प्राप्त किया जा सकता है।
➤ वास्तविक प्रतिबिब वस्तु की अपेक्षा हमेशा उलटा होता है।
आभासी प्रतिबिब :—
➤ किसी बिंदु स्रोत से आती प्रकाश की किरणें परावर्तन के बाद जिस बिंदु से आती हुई प्रतीत होती हैं, उसे उस बिंदु स्रोत का आभासी प्रतिबिब कहते हैं।
➤ आभासी प्रतिबिंब को पर्दे पर नहीं प्राप्त किया जा सकता है ।
➤ आभासी प्रतिबिब वस्तु के अपेक्षा हमेशा सीधा होता है
5. समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंबों के किन्हीं तीन विशेषताओं का उल्लेख करें।
उत्तर : समतल दर्पण द्वारा बने प्रतिबिंव की विशेषताएँ :—
(i). प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है।
(ii). प्रतिबिंब का आकार वस्तु के आकार के बराबर होता है।
(iii). प्रतिबिंब वस्तु की अपेक्षा सीधा बनता है
6. अवतल तथा उत्तल दर्पण में अंतर स्पष्ट करें।
उत्तर : अवतल तथा उत्तल दर्पण में अंतर :
अवतल दर्पण | उत्तल दर्पण |
---|---|
(i). काँच के खोखले गोले की बाहरी सतह को रजतित करने से अवतल दर्पण बनता है (ii). अवतल दर्पण द्वारा प्रकाश का परावर्तन उसकी भीतरी सतह से होता है, (iii). वास्तविक या आभासी दोनों प्रकार के प्रतिबिंब बना सकता है। (iv). फोकस दूरी ऋणात्मक होती है। |
(i). काँच के खोखले गोले की भीतरी सतह को रजतित करने से अवतल दर्पण बनता है (ii). उत्तल दर्पण द्वारा प्रकाश का परावर्तन उसकी बाहरी सतह से होता है। (iii). केवल आभासी और सीधा प्रतिबिंब बनाता है। (iv). फोकस दूरी धनात्मक होती है |
7. गोलीय दर्पण की वक्रता-त्रिज्या से आपका क्या तात्पर्य होता है?
उत्तर : गोलीय दर्पण की वक्रता-त्रिज्या :—
➤ गोलीय दर्पण जिस गोले का भाग होता है उसकी त्रिज्या को दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहते हैं।
8. किस दर्पण में केवल काल्पनिक प्रतिबिंब बनता है-अवतल, उत्तल या समतल ?
उत्तर : उत्तल दर्पण में केवल काल्पनिक प्रतिबिंब बनता है
9. उत्तल दर्पण का उपयोग वाहनों के साइड मिरर या पीछे देखने के आइने के रूप में क्यों किया जाता है?
उत्तर : स्कूटर, मोटरकार तथा बस इत्यादि में उत्तल दर्पण का उपयोग साइड मिरर और पीछे देखने के आइने के रूप में होता है, क्योंकि वे किसी वस्तु का हमेशा सीधा प्रतिबिंब बनाते हैं, यद्यपि वह छोटा होता है। इनका दृष्टि-क्षेत्र विस्तृत होता है क्योंकि ये बाहर की ओर वक्रित होते हैं।
10. अवतल दर्पण में प्रमाणित करें कि $f =\frac{R } {2}$
11. अनंत और वक्रता केंद्र के बीच रखी वस्तु का अवतल दर्पण से बने प्रतिबिंब का निर्धारण स्वच्छ किरण-आरेख खींचकर करें।
उत्तर :
12. निम्नलिखित के किरण-आरेख को पूरा कर प्रतिबिंब का स्थान निर्धारित करें
Ans :
13. स्पष्ट किरण-आरेख द्वारा अवतल दर्पण में आभासी (काल्पनिक) एवं आवर्धित (magnified) प्रतिबिंब का बनना दिखाएँ। इस प्रकार प्रयुक्त अवतल दर्पण का एक व्यावहारिक उपयोग भी बताएँ।
उत्तर : जब वस्तु को अवतल दर्पण के ध्रुव (P) और फोकस (F) के बीच रखा जाता है, तब प्रतिबिंब आभासी, सीधा तथा आवर्धित बनता है। अवतल दर्पण का उपयोग हजामती दर्पण के रूप में किया जाता है
14. यदि 25 cm फोकस दूरी के अवतल दर्पण की सहायता से सीधा (erect) प्रतिबिंब बनाना हो, तो दर्पण से वस्तु की दूरी का परास (range) क्या होना चाहिए? प्रतिबिंब की प्रकृति क्या होगी? प्रतिबिंब वस्तु से बड़ा होगा कि छोटा, इस परिस्थिति में प्रतिबिंब के बनने की क्रिया को दर्शाने के लिए एक किरण-आरेख खींचें।
उत्तर : जब वस्तु अवतल दर्पण के सामने उसके ध्रुव (pole) और फोकस के बीच में हो, तो उस वस्तु का सीधा और आवर्धित आभासी प्रतिबिंब दर्पण के पीछे बनता है। अतः, उपर्युक्त परिस्थिति में वस्तु की दूरी दर्पण से 0cm से 25 cm के बीच होनी चाहिए। प्रतिबिंब आभासी (काल्पनिक) होगा और वह वस्तु से बड़ा होगा।
15. किरण-आरेख की सहायता से स्पष्ट करें कि उत्तल दर्पण में किसी वस्तु के प्रतिबिंब की स्थिति तथा प्रकृति क्या होगी?
उत्तल दर्पण में प्रतिबिंब सदैव दर्पण के पीछे बनता है, आभासी एवं सीधा होता है, और वस्तु से छोटा होता है।16. कल्पना कीजिए कि आप एक चमकीले कागज से ढँक बेलनाकार खंभे के सामने खड़े हैं। इस प्रकार से बने बेलनाकार दर्पण में आप अपना किस प्रकार का प्रतिबिंब देखेंगे?
उत्तर : बेलनाकार दर्पण एक तरह से समतल दर्पण और उत्तल दर्पण का संयोजन है। उर्ध्वाधरतः यह एक समतल दर्पण और क्षैतिजतः एक उत्तल दर्पण की तरह कार्य करेगा।
अतः, ऐसे दर्पण में व्यक्ति के प्रतिबिंब की लंबाई व्यक्ति के लंबाई के बराबर होगी; परंतु व्यक्ति के शरीर की चौड़ाई (width) से प्रतिबिंब के शरीर की चौड़ाई कम होगी। इसलिए, ऐसे दर्पण में व्यक्ति को अपना चेहरा और शरीर पतला दिखाई देगा।]
17. निम्नलिखित परिस्थितियों में जिस प्रकार के दर्पण का उपयोग किया जाता है उनका नाम बताएँ।
(a) कार के हेडलाइट
(b) वाहनों के साइड मिरर या पीछे देखने का आइना (rear-view mirror)
(c) सौर भट्ठी (solar furnace)
उत्तर :
(a) अवतल दर्पण
(a) अवतल दर्पण
(b) उत्तल दर्पण
(c) अवतल दर्पण
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