Class 10 Chemistry Chapter 4 – Bharati Bhawan Solution | Short type Q&A

 

Class 10 Chemistry Chapter 4 – Bharati Bhawan Solution | Short type Q&A | लघु उत्तरीय प्रश्र | कार्बन तथा इसके यौगिक | 

भारती भवन रसायनशास्त्र कक्षा 10 अध्याय - 4


1. श्रृंखलन गुण क्या है?

Ans : जब कोई तत्व अपने ही परमाणुओं के साथ सहसंयोजक बंध बनाकर लंबी श्रृंखलाएँ बनाता है, तो इस गुण को श्रृंखलन गुण कहते हैं।

जैसे : कार्बन परमाणु आपस में जुड़कर C–C–C प्रकार की लंबी श्रृंखलाएँ बनाते हैं।


2. ऐलिफैटिक यौगिक क्या है?

उत्तर  : वे कार्बनिक यौगिक जिनमें कार्बन परमाणु सीधी या शाखायुक्त श्रृंखला बनाते हैं, उन्हें ऐलिफैटिक यौगिक कहा जाता है।

जैसे : मीथेन (CH₄), एथेन (C₂H₆), प्रोपेन (C₃H₈) आदि। 


3. क्रियाशील समूह क्या है?

उत्तर : क्रियाशील मूलक :—

किसी कार्बनिक यौगिक में उपस्थित वह समूह जिस पर यौगिक का रासायनिक गुण निर्भर करता है, उस यौगिक का क्रियाशील समूह कहलाता है।


4. अकार्बनिक यौगिकों की अपेक्षा कार्बनिक यौगिकों की संख्या अधिक क्यों है?

उत्तर : कार्बनिक यौगिकों की संख्या अकार्बनिक यौगिकों से अधिक होती है क्योंकि कार्बन में श्रृंखलन तथा सहसंयोजन के गुण पाए जाते हैं। इससे कार्बन अपने परमाणुओं से जुड़कर लंबी श्रृंखलाएँ,  और जटिल यौगिक बना सकता है।


5. कार्बनिक और अकार्बनिक यौगिकों में मुख्य भेद बताएँ।

उत्तर : कार्बनिक यौगिक और अकार्बनिक यौगिक अंतर : 

कार्बनिक यौगिक अकार्बनिक यौगिक 
(i).  इनके क्वथनांक एवं गलनांक अकार्बनिक यौगिकों की अपेक्षा कम होते हैं।

(ii).  
उच्च ताप पर ये अपघटित हो जाते हैं।

(iii). 
 इनमें समावयवता का गुण अधिक पाया जाता है।

(i).  अकार्बनिक यौगिकों के क्वथनांक एवं गलनांक अधिक होते हैं।

(ii). 
 बहुत ऊँचे ताप पर भी ये स्थायी रहते हैं।

(iii).  
इनमें समावयवता का गुण बहुत कम पाया जाता है।



6. सहसंयोजक यौगिक क्या होते हैं? कार्बन परमाणु स्थायित्व को कैसे प्राप्त करता है?

उत्तर : जब दो परमाणु अपने बाह्यतम कक्षा के इलेक्ट्रॉनों को आपस में साझा करते हैं, तब उनके बीच बनने वाले बंध को सहसंयोजक बंध कहते हैं, और इस प्रकार बनने वाले यौगिक सहसंयोजक यौगिक कहलाते हैं।

उदाहरण:

हाइड्रोजन परमाणु की बाह्यतम कक्षा में एक-एक इलेक्ट्रॉन होता है। दो हाइड्रोजन परमाणु अपने-अपने इलेक्ट्रॉन को आपस में साझा करके H₂ अणु बनाते हैं —

$H \cdot + \cdot H \rightarrow H : H \rightarrow H—H$

कार्बन का स्थायित्व:

कार्बन परमाणु के बाह्यतम कक्षा में 4 इलेक्ट्रॉन होते हैं। यह न तो 4 इलेक्ट्रॉन छोड़ता है, न ही 4 ग्रहण करता है। यह अपने 4 इलेक्ट्रॉनों को अन्य परमाणुओं के साथ साझा करके सहसंयोजक बंध बनाता है और अक्रिय गैस के समान स्थायित्व प्राप्त करता है।


7. समावयवी क्या हैं?

उत्तर : समावयवी  :—

वे कार्बनिक यौगिक जिनके अणुसूत्र समान होते हैं लेकिन भौतिक और रासायनिक गुण भिन्न-भिन्न होते हैं, समावयवी  कहलाते हैं और ऐसी घटना समावयवता कहलाती है।


8. सिस-ट्रांस समावयवता क्या होती है?

उत्तर : वैसे समावयवी जिनमें दो समान समूह द्विबंध के एक ओर स्थित हों, सिस  रूप कहलाते हैं तथा जिनमें दो समान समूह द्विबंध के विपरीत दिशा में स्थित हों, ट्रांस रूप कहलाते हैं।


9. जीवन शक्ति का सिद्धांत क्या है?

उत्तर : जीवन शक्ति का सिद्धांत बर्जीलियस  ने 1815 में दिया था  जिसके अनुसार सजीव पदार्थों में कार्बनिक यौगिकों का निर्माण एक अदृश्य जीवन शक्ति द्वारा होता है


10. हीरा और ग्रैफाइट के भौतिक गुणों में अंतर पड़ने का कारण क्या है?

उत्तर : हीरा और ग्रेफाइट अंतर  : 

 हीरा ग्रेफाइट
(i). यह कार्बन का अपरूप है।

(ii). 
हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंध बनाता है, जिससे एक त्रिविमीय संरचना बनती है।  

(iii). 
यह विद्युत तथा ऊष्मा का कुचालक होता है। 

(iv). 
यह बहुत कठोर होता है।

(i).  यह भी कार्बन का अपरूप है।

(ii). 
 ग्रेफाइट में प्रत्येक कार्बन परमाणु तीन अन्य कार्बन परमाणुओं से सहसंयोजक बंध बनाता है, जिससे षट्कोणीय वलय बनती हैं।

(iii). 
. यह विद्युत तथा ऊष्मा का सुचालक होता है।

(iv). 
यह मुलायम और चिकना होता है।


11. कार्बनिक यौगिकों के स्रोत क्या होते हैं?

उत्तर : कार्बनिक यौगिकों के मुख्य स्रोत पौधे, जानवर और जीवाश्म हैं। पौधों से ग्लूकोज़, स्टार्च, तेल, प्रोटीन तथा सेलूलोज जैसे कार्बनिक यौगिक प्राप्त होते हैं। जानवरों से वसा, प्रोटीन, दूध, ऊन और चमड़ा जैसे यौगिक मिलते हैं। इसके अतिरिक्त पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और कोयला जैसे जीवाश्म भी कार्बनिक यौगिकों के महत्वपूर्ण स्रोत हैं।


12. अकार्बनिक यौगिकों से कार्बनिक यौगिक कैसे बनाए जाते हैं?

उत्तर : अकार्बनिक यौगिकों से कार्बनिक यौगिक रासायनिक अभिक्रियाओं  द्वारा बनाए जा सकते हैं। इसका सर्वप्रथम प्रमाण वैज्ञानिक वोहलर ने 1828 ई. में दिया था। उन्होंने अमोनियम सायनेट (NH₄CNO), जो एक अकार्बनिक यौगिक है, को गर्म करके यूरिया (NH₂CONH₂) नामक कार्बनिक यौगिक बनाया।

NH₄CNO → NH₂CONH₂


13. निम्नांकित में ऐल्कीन चुनें।

C2H6, C2H4, C3H4, C2H2, C6H6

उत्तर : C₂H₄


14. ऐल्कीन के जाँच की एक विधि बताएँ।

उत्तर : ऐल्कीन की पहचान ब्रोमीन जल परीक्षण से की जाती है। जब ऐल्कीन में ब्रोमीन जल मिलाया जाता है, तो उसका भूरा रंग उड़ जाता है, क्योंकि ऐल्कीन असंतृप्त यौगिक होता है और ब्रोमीन से अभिक्रिया कर डिब्रोमो यौगिक बनाता है।

$CH_2 = CH_2 + Br_2\rightarrow CH_2Br - CH_2Br$


15. निम्नलिखित को कैसे बनाया जाता है?

(i) एथेनॉल

(ii) एथेनोइक अम्ल

(i) एथेनॉल का निर्माण

  व्यापारिक विधि में एथेनॉल (एल्कोहॉल) को चीनी या स्टार्च के किण्वन  द्वारा प्राप्त किया जाता है। सबसे पहले सुक्रोज (चीनी) जल की उपस्थिति में इनवर्टेज एंजाइम द्वारा ग्लूकोज़ तथा फ्रक्टोज़ में परिवर्तित होती है —

$C_{12}H_{22}O_{11} + H_2O \xrightarrow{\text{इनवर्टेज}} C_6H_{12}O_6 + C_6H_{12}O_6$

 इसके बाद ये ग्लूकोज़ और फ्रक्टोज़ यीस्ट (खमीर) की क्रिया से एथेनॉल और कार्बन डाइऑक्साइड में बदल जाते हैं —

$C_6H_{12}O_6 \xrightarrow{\text{Yeast}} 2C_2H_5OH + 2CO_2$

 

(ii) एथेनोइक अम्ल का निर्माण

प्राइमरी एल्कोहॉल (एथेनॉल) का ऑक्सीकरण (KMnO₄/H⁺) करने पर पहले एथेनल (एल्डिहाइड) बनता है, जो आगे ऑक्सीकरण होकर एथेनोइक अम्ल (CH₃COOH) में परिवर्तित हो जाता है —

$CH_3CH_2OH \xrightarrow{[O]} CH_3CHO \xrightarrow{[O]} CH_3COOH$


16. एथेनॉल पीने से कौन-सा बुरा प्रभाव पड़ता है?

उत्तर : एथेनॉल पीने से होने वाले बुरे प्रभाव : 

(i). यह मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है जिससे व्यक्ति की निर्णय लेने की शक्ति कम हो जाती है।

(ii). इससे नशे की स्थिति उत्पन्न होती है और व्यक्ति का संतुलन बिगड़ जाता है।

(iii). अधिक मात्रा में सेवन करने पर यह लीवर (यकृत) को क्षति पहुँचाता है, जिससे लीवर सिरोसिस जैसी बीमारी हो सकती है।

(iv). दीर्घकालीन सेवन से हृदय, गुर्दे तथा पाचन तंत्र पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।


17. सिरका क्या है? इसके उपयोग को बताएँ।

उत्तर : एथेनोइक अम्ल का साधारण नाम ऐसीटिक अम्ल है।  6-8% तनु ऐसीटिक अम्ल को सिरका कहते हैं जिसका अचार बनाने में रक्षक के रूप में होता है।


18. वनस्पति तेल और वसा क्या होते हैं?

उत्तर : वनस्पति तेल और वसा उच्च वसीय अम्ल तथा ग्लिसराल से बने एस्टर होते हैं।

 

19. साबुनीकरण क्या होता है?

उत्तर : वनस्पति तेल या वसा (को सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन के साथ गर्म करने से साबुन तथा ग्लिसरॉल बनता है। वनस्पति तेल एवं वसा का क्षार द्वारा जल अपघटन की क्रिया के फलस्वरूप साबुन तथा ग्लिसरॉल का बनना साबुनीकरण कहलाता है।


20. साबुन क्या है?

उत्तर : साबुन उच्च वसीय अम्लों (जैसे — स्टीयरिक अम्ल, पामिटिक अम्ल आदि) के सोडियम या पोटैशियम लवण होते हैं।

अतः साबुन एक आयोनिक यौगिक होता है।

जैसे : सोडियम स्टीयरेट — C17H35COONa


21. साबुन कैसे बनता है

उत्तर :;वनस्पति तेल या वसा को सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन के साथ गर्म करने से साबुन तथा ग्लिसरॉल बनता है। वनस्पति तेल एवं वसा का क्षार द्वारा जल अपघटन की क्रिया के फलस्वरूप साबुन तथा ग्लिसरॉल का बनना साबुनीकरण कहलाता है।


22. एक एस्टर का नाम बताएँ। एस्टर की गंध कैसी होती है?

उत्तर : एस्टर कार्बनिक यौगिक होते हैं जिनकी गंध मीठी और सुगंधित होती है।

जैसे :  एथाइल एसीटेट  ( CH₃COOC₂H₅ )


23. ऐरोमैटिक यौगिकों की जाँच कैसे की जाती है?

उत्तर : ऐरोमैटिक यौगिकों की जाँच :-

   नैफ्थलीन (ऐरोमैटिक यौगिक) की गोली या अन्य ऐरोमैटिक यौगिक के चूर्ण को ताँबे के पत्तर पर रखकर बर्नर के प्रकाशहीन लौ में गर्म करें। तत्पश्चात बर्नर की लौ का निरीक्षण करें। बर्नर कालिखयुक्त पीले लौ के साथ जलती है।


24. मिसेल्स क्या होते हैं?

उत्तर : साबुन के अणु का स्टियरेट आयन  जल में घुलने पर छोटे समूह बनाता है जिन्हें मिसेल्स  कहते हैं।

इसमें हाइड्रोकार्बन भाग (C₁₇H₃₅) अध्रुवीय होता है जो तेल या ग्रीस में घुलता है, जबकि COO⁻ भाग ध्रुवीय होता है जो जल से आकर्षित होता है।  ये मिसेल्स मैल और तेल के कणों को घेरकर उन्हें जल में घुला देते हैं जिससे वस्त्र साफ हो जाते हैं। 

 

25. सममूलक श्रेणी क्या है?

उत्तर : कार्बनिक यौगिकों के गुणों के अध्ययन के लिए उन्हें कई भागों में बाँटा गया है जिन्हें सममूलक या समजातीय श्रेणी कहा जाता है।

इस श्रेणी के दो क्रमागत यौगिकों के अणुसूत्रों में  समूह का अंतर होता है।  सभी यौगिकों में एक ही क्रियाशील मूलक उपस्थित रहता है, इसलिए इनके रासायनिक गुण समान होते हैं जबकि भौतिक गुण क्रमशः बढ़ते या घटते हैं।


26. जीवाश्म ईंधन क्या होते हैं?

उत्तर : कोयला और पेट्रोलियम को जीवाश्म ईंधन कहा जाता है।

पृथ्वी के अंदर लाखों वर्ष पहले मरे हुए पेड़-पौधों और जानवरों के मिट्टी, बालू तथा चट्टानों की परतों के नीचे दबे रहने के फलस्वरूप ये ईंधन बने। बड़े आकार के पेड़-पौधों से कोयला तथा छोटे पौधों और समुद्री जीवों से पेट्रोलियम का निर्माण होता है।


27. (क) सहसंयोजी यौगिक प्रायः विद्युत के हीन चालक (कुचालक) क्यों होते हैं?

उत्तर : सहसंयोजक यौगिक प्रायः विद्युत के कुचालक होते हैं क्योंकि ये उदासीन अणुओं से बने होते हैं, आयनों से नहीं।  ये जलीय विलयन में आयन उत्पन्न नहीं करते, इसलिए विद्युत धारा का संचालन नहीं कर पाते है 

जैसे :   ग्लूकोज़, यूरिया, ऐल्कोहॉल तथा कार्बन टेट्राक्लोराइड 


(ख) निम्नलिखित यौगिक का नाम लिखें :

$H—\underset{\text{H}}{\underset{\text{|}}{\overset{\text{H}}{\overset{\text{|}}{\text{C}}}}}—\overset{\text{O}}{\overset{\text{||}}{\text{C}}}—\underset{\text{H}}{\underset{\text{|}}{\overset{\text{H}}{\overset{\text{|}}{\text{C}}}}}—H$

उत्तर : प्रोपेनोन

(ग) उस गैस का नाम लिखें जो सोडियम कार्बोनेट पर एथेनोइक अम्ल डालने से उत्पन्न होती है। आप इस गैस की उपस्थिति कैसे सिद्ध करेंगे?

उत्तर : जब सोडियम कार्बोनेट (Na₂CO₃) पर एथेनोइक अम्ल (CH₃COOH) डाला जाता है, तो फदफदाहट के साथ कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) गैस निकलती है।

इस गैस को चूने के पानी में प्रवाहित किया जाता है। तो चूने का पानी दूधिया (सफेद) हो जाता है, जिससे यह प्रमाणित होता है कि उत्पन्न गैस कार्बन डाइऑक्साइड है।


28. प्रतिस्थापन अभिक्रिया क्या है? उदाहरण देकर समझाएँ

उत्तर : जब किसी संतृप्त कार्बनिक यौगिक में किसी परमाणु या परमाणु समूह को किसी अन्य परमाणु या परमाणु समूह द्वारा प्रतिस्थापित जाता है, तो ऐसी अभिक्रिया को प्रतिस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।

उदाहरण:

$CH_4 + Cl_2 \xrightarrow{hv} CH_3Cl + HCl$

 


• Class 10 Chemistry Solution


• Class 10 Biology Solution


* Class 10 Physics Solution 


Bharati Bhawan All Subject Solution In Hindi Pdf Download —  Download 


सभी बुक्स के फ्री सॉल्यूशन के लिए हमारे WhatsApp Group ज्वाइन करें — WhatsApp Channel 








Post a Comment

0 Comments